गांजे के पौधे का इस्तेमाल कर कम की जा सकती है कोविड-19 से मरने की आशंका, नई रिसर्च में बताया

गांजे के पौधे का इस्तेमाल कर कम की जा सकती है कोविड-19 से मरने की आशंका, नई रिसर्च में बताया

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस इन्फेक्शन से बचने और कोविड-19 का इलाज करने के तरीके ढूंढने में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इसी बीच यह संभावना भी जताई गई है कि गांजे के पौधे का इस्तेमाल इससे मरने की आशंका को कम कर सकता है। किसी मरीज के शरीर का इम्यून सिस्टम जब कमजोर होने लगता है तो वह उसे ही मारने लगता है। ऐसे में गांजा काम आ सकता है। इस रिसर्च के आधार पर कोरोना वायरस संक्रमण से गंभीरता से पीड़ित मरीजों के ऊपर गांजे से मिले तत्वों को टेस्ट भी किया जा सकता है।

पढ़ें- कोविन (Co-Win) ऐप पर वैक्सीनेशन के लिए कैसे-क्या करना होगा, जानिए एप के बारे में सबकुछ?

गांजे से होगा कोरोना का इलाज?

इम्यून सिस्टम में खराबी की वजह से 'साइटोकाइन स्टॉर्म' नाम की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसमें वायरस के साथ-साथ शरीर के स्वस्थ सेल्स भी शिकार बन जाते हैं। कोविड के कई गंभीर मामलों में यही मौत की वजह भी बनता है। लेथब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि गांजे (Cannabis sativa) के पेड़ से मिले तत्व साइटोकाइन स्टॉर्म को रोक सकते हैं। उन्हें ऐसे स्ट्रेन मिले हैं जो इसे पैदा करने में मदद करने वाले दो केमिकल्स interleukin-6 (IL-6) और tumour necrosis factor alpha (TNF-a) की मात्रा को कम कर सकते हैं।

क्या होता है नुकसान?

महामारी की शुरुआत में ही मेडिकल जगत साइटोकाइन स्टॉर्म को रोकने के तरीके खोजने में जुट गया था। वायरस के शरीर से निकलने के बाद भी यह प्रक्रिया जारी रहती है और इससे अक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) हो सकता है जिससे जान भी जा सकती है। इससे लंग फाइब्रोसिस हो सकता है जिससे फेफड़ों के टिशू खराब हो सकते हैं और काम करना बंद कर सकते हैं।

तीन तरह का गांजा असरदार

रिसर्चर्स ने गांजे के 200 से ज्यादा स्ट्रेन्स को देखने के बाद 7 पर स्टडी की। यह रिसर्च 'रिसर्च स्क्वेयर' में प्री-प्रिंट हुई है और अभी इसे पियर रिव्यू नहीं किया गया है। इस स्टडी में ऐसे तीन नए स्ट्रेन पाए गए हैं जबकि पहले की स्टडीज में भी ऐसे स्ट्रेन्स का पता चला है। इन स्ट्रेन्स को नंबर चार, आठ और चौदह कहा गया है। इन्हें ICU में भर्ती कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए टेस्ट करने का प्लान है।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

इसे भी पढ़ें-

इजरायल में कोरोना टीका का साइड इफेक्ट, कई लोगों के आधे चेहरे हुए लकवाग्रस्त

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।